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निर्गमन १ से १० पर आधारित प्रश्न और उत्तर | Key Questions and Answers on Exodus 1 to 10

निर्गमन १ से १० पर आधारित प्रश्न और उत्तर | Key Questions and Answers on Exodus 1 to 10

निर्गमन १ से १० पर आधारित प्रश्न और उत्तर | Key Questions and Answers on Exodus 1 to 10

यह पृष्ठ "निर्गमन १ से १० अध्याय पर आधारित प्रश्न और उत्तर" का संग्रह है, जो बाइबिल के निर्गमन ग्रंथ के पहले दस अध्यायों की प्रमुख घटनाओं और शिक्षाओं को प्रस्तुत करता है। इसमें इस्राएलियों के दासत्व से छुटकारा पाने की प्रक्रिया, मूसा का जन्म और प्रारंभिक जीवन, तथा परमेश्वर द्वारा मूसा को इस्राएलियों को मुक्त कराने के लिए नियुक्त करने की घटनाएँ शामिल हैं।

पाठक यहाँ महत्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर पा सकेंगे, जो बाइबिल की गहराई को समझने में मदद करेंगे। यह पृष्ठ विशेष रूप से छात्रों, शिक्षकों, और धार्मिक अध्ययन करने वालों के लिए उपयोगी है। हर प्रश्न का उत्तर बाइबिल के संबंधित अध्याय के संदर्भ में दिया गया है, जिससे पाठक आसानी से जानकारी प्राप्त कर सकें।

इस पृष्ठ का उद्देश्य बाइबिल के पहले दस अध्यायों से संबंधित प्रश्नों का समाधान करना है, ताकि पाठक अपने विश्वास को मजबूत कर सकें और बाइबिल की शिक्षाओं को अपने जीवन में लागू कर सकें।

निर्गमन १ पर आधारित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न-उत्तर (Q & A):

प्रश्न १: मानवता की भाषा उस समय कैसी थी?

उत्तर : सारी पृथ्वी पर एक ही भाषा और एक ही बोली थी।

प्रश्न २: लोग बाढ़ के बाद कहाँ बसे?

उत्तर : लोग शिनार देश के एक मैदान में बसे।

प्रश्न ३: लोगों ने क्या बनाने का निर्णय लिया?

उत्तर : उन्होंने एक नगर और एक गुम्मट बनाने का निर्णय लिया।

प्रश्न ४: उन्होंने गुम्मट क्यों बनाना चाहा?

उत्तर : उन्होंने अपना नाम बनाने और पृथ्वी पर फैलने से रोकने के लिए गुम्मट बनाना चाहा।

प्रश्न ५: जब यहोवा ने उनके कार्यों को देखा, तो उसने क्या किया?

उत्तर : यहोवा ने उनकी भाषा में गड़बड़ी डालने का निर्णय लिया।

प्रश्न ६: यहोवा के हस्तक्षेप का क्या परिणाम हुआ?

उत्तर : लोग पृथ्वी के चारों ओर बिखर गए और नगर का निर्माण रोक दिया।

प्रश्न ७: उस नगर का नाम क्या रखा गया?

उत्तर : उस नगर का नाम बेबीलोन रखा गया।

प्रश्न ८: इस्राएल की संतानों की दुर्दशा का मुख्य कारण क्या था?

उत्तर : मिस्र के नए राजा का भय और कठोरता उनके दुर्दशा का मुख्य कारण था।

प्रश्न ९: धाइयों ने लड़कों को क्यों जीवित रखा?

उत्तर : क्योंकि वे परमेश्वर का भय मानती थीं और फ़िरौन की आज्ञा का पालन नहीं करती थीं।

प्रश्न १०: फ़िरौन ने इब्रियों के बेटों के साथ क्या करने का आदेश दिया?

उत्तर : उसने सभी इब्रियों के बेटों को नील नदी में डालने का आदेश दिया।

निर्गमन २ पर आधारित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न-उत्तर (Q & A):

प्रश्न १: मूसा का जन्म कहाँ हुआ?

उत्तर : मूसा का जन्म मिस्र में हुआ।

प्रश्न २: मूसा की माँ ने उसे कितने महीने तक छिपा कर रखा?

उत्तर : उसने मूसा को तीन महीने तक छिपा कर रखा।

प्रश्न ३: मूसा को किस चीज़ में रखकर नदी के किनारे छोड़ा गया?

उत्तर : उसे सरकंडों की एक टोकरी में रखकर नदी के किनारे छोड़ा गया।

प्रश्न ४: फ़िरौन की बेटी ने मूसा को कैसे पाया?

उत्तर : फ़िरौन की बेटी ने नदी के किनारे टोकरी देखकर उसे खोला और देखा कि वह एक रोता हुआ बालक है।

प्रश्न ५: मूसा की बहिन ने फ़िरौन की बेटी से क्या कहा?

उत्तर : उसने कहा कि क्या वह इब्री स्त्रियों में से किसी धाई को बुला ले आए।

प्रश्न ६: मूसा का नाम क्यों रखा गया?

उत्तर : मूसा का नाम "मैं ने इसको जल से निकाला था" इसलिये रखा गया।

प्रश्न ७: मूसा ने किस कारण से मिस्री को मारा?

उत्तर : उसने देखा कि एक मिस्री अपने इब्री भाई को मार रहा था।

प्रश्न ८: मूसा मिद्यान क्यों भागा?

उत्तर : फ़िरौन ने मूसा को मारने की योजना बनाई, इसलिए वह मिद्यान भाग गया।

प्रश्न ९: मूसा ने मिद्यान में किससे विवाह किया?

उत्तर : मूसा ने मिद्यान के याजक की बेटी सिप्पोरा से विवाह किया।

प्रश्न १०: इस्राएलियों की आहें किस कारण से परमेश्वर तक पहुँचीं?

उत्तर : उन्होंने कठिन सेवा के कारण आहें भरीं और उनकी पुकार परमेश्वर तक पहुँची।

निर्गमन ३ पर आधारित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न-उत्तर (Q & A):

प्रश्न १: मूसा किसके भेड़–बकरियों को चराता था?

उत्तर : मूसा अपने ससुर यित्रो के भेड़–बकरियों को चराता था।

प्रश्न २: मूसा को किस स्थान पर आग की लौ में परमेश्वर का दर्शन हुआ?

उत्तर : उसे होरेब पर्वत के पास आग की लौ में दर्शन हुआ।

प्रश्न ३: मूसा ने क्यों कहा कि वह झाड़ी को देखेगा?

उत्तर : उसने देखा कि झाड़ी जल रही है, पर भस्म नहीं होती।

प्रश्न ४: परमेश्वर ने मूसा से क्या कहा जब उसने पुकारा?

उत्तर : परमेश्वर ने कहा, "इधर पास मत आ; और अपने पाँवों से जूतियों को उतार दे, क्योंकि जिस स्थान पर तू खड़ा है वह पवित्र भूमि है।"

प्रश्न ५: परमेश्वर ने मूसा से अपनी पहचान कैसे बताई?

उत्तर : उसने कहा, "मैं तेरे पिता का परमेश्वर, और अब्राहम का परमेश्वर, इसहाक का परमेश्वर, और याक़ूब का परमेश्वर हूँ।"

प्रश्न ६: परमेश्वर ने मूसा को किस काम के लिए भेजा?

उत्तर : परमेश्वर ने मूसा को इस्राएलियों को मिस्र से निकालने के लिए भेजा।

प्रश्न ७: मूसा ने परमेश्वर से क्या पूछा?

उत्तर : उसने पूछा, "मैं कौन हूँ जो फ़िरौन के पास जाऊँ?"

प्रश्न ८: परमेश्वर ने मूसा को क्या आश्वासन दिया?

उत्तर : परमेश्वर ने कहा, "निश्‍चय मैं तेरे संग रहूँगा।"

प्रश्न ९: मूसा ने इस्राएलियों से क्या बताने का आदेश दिया?

उत्तर : उसे बताना था कि "जिसका नाम मैं हूँ है उसी ने मुझे तुम्हारे पास भेजा है।"

प्रश्न १०: परमेश्वर ने मूसा से कहा कि इस्राएलियों को किस देश में ले जाएगा?

उत्तर : परमेश्वर ने कहा कि उन्हें कनानी, हित्ती, एमोरी, परिज्जी, हिब्बी, और यबूसी लोगों के देश में ले जाएगा।

निर्गमन ४ पर आधारित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न-उत्तर (Q & A):

प्रश्न १: मूसा ने यहोवा से क्या कहा जब उसे भेजा गया?

उत्तर : मूसा ने कहा, “वे मेरा विश्‍वास नहीं करेंगे और न मेरी सुनेंगे, वरन् कहेंगे, ‘यहोवा ने तुझ को दर्शन नहीं दिया’।”

प्रश्न २: यहोवा ने मूसा से क्या पूछा?

उत्तर : यहोवा ने पूछा, “तेरे हाथ में वह क्या है?” मूसा ने उत्तर दिया, “लाठी।”

प्रश्न ३: मूसा की लाठी को भूमि पर डालने के बाद क्या हुआ?

उत्तर : जब मूसा ने लाठी को भूमि पर डाला, वह सर्प बन गई और मूसा उसके सामने से भाग गया।

प्रश्न ४: यहोवा ने मूसा को सर्प को पकड़ने के लिए क्या कहा?

उत्तर : यहोवा ने कहा, “हाथ बढ़ाकर उसकी पूँछ पकड़ ले।” जब मूसा ने ऐसा किया, तो वह फिर से लाठी बन गई।

प्रश्न ५: मूसा ने अपना हाथ छाती पर रखकर क्या देखा?

उत्तर : जब उसने हाथ को निकाला, तो उसका हाथ कोढ़ के कारण हिम के समान श्‍वेत हो गया।

प्रश्न ६: यहोवा ने मूसा को कौन-से संकेत दिखाने का निर्देश दिया?

उत्तर : यहोवा ने कहा कि यदि लोग पहली और दूसरी चिह्नों का विश्‍वास नहीं करें, तो वह नील नदी से जल लेकर सूखी भूमि पर डाल दे, जो लहू बन जाएगा।

प्रश्न ७: मूसा ने अपनी कमी के बारे में यहोवा से क्या कहा?

उत्तर : मूसा ने कहा, “हे मेरे प्रभु, मैं बोलने में निपुण नहीं, न तो पहले था, और न जब से तू अपने दास से बातें करने लगा; मैं तो मुँह और जीभ का भद्दा हूँ।”

प्रश्न ८: यहोवा ने मूसा को क्या आश्वासन दिया?

उत्तर : यहोवा ने कहा, “मनुष्य का मुँह किसने बनाया है? अब जा, मैं तेरे मुख के संग होकर जो तुझे कहना होगा वह तुझे सिखलाता जाऊँगा।”

प्रश्न ९: मूसा ने किसे भेजने की प्रार्थना की?

उत्तर : मूसा ने कहा, “हे मेरे प्रभु, कृपया किसी और को तू भेज।”

प्रश्न १०: यहोवा ने हारून को क्यों भेजा?

उत्तर : यहोवा ने कहा कि हारून बोलने में निपुण है और वह मूसा को देखकर मन में आनन्दित होगा।

प्रश्न ११: मूसा ने मिस्र लौटने से पहले अपने ससुर से क्या कहा?

उत्तर : मूसा ने कहा, “मुझे विदा कर कि मैं मिस्र में रहनेवाले अपने भाइयों के पास जाकर देखूँ कि वे अब तक जीवित हैं या नहीं।”

प्रश्न १२: यहोवा ने मूसा को मिस्र लौटने के लिए क्या बताया?

उत्तर : यहोवा ने कहा कि जो मनुष्य तेरे प्राण के प्यासे थे, वे सब मर गए हैं।

प्रश्न १३: मूसा ने अपने परिवार को कहाँ ले जाया?

उत्तर : मूसा ने अपनी पत्नी और बेटों को गदहे पर चढ़ाकर मिस्र देश की ओर ले जाया।

प्रश्न १४: मूसा और हारून ने इस्राएलियों के पुरनियों को क्या बताया?

उत्तर : मूसा और हारून ने यहोवा द्वारा दी गई बातें और चिह्न दिखाए, और लोगों ने उनका विश्‍वास किया।

निर्गमन ५ पर आधारित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न-उत्तर (Q & A):

प्रश्न १: मूसा और हारून ने फ़िरौन से क्या कहा?

उत्तर : उन्होंने कहा, “इस्राएल का परमेश्‍वर यहोवा यों कहता है : ‘मेरी प्रजा के लोगों को जाने दे कि वे जंगल में मेरे लिये पर्व करें’।”

प्रश्न २: फ़िरौन ने यहोवा के बारे में क्या कहा?

उत्तर : फ़िरौन ने कहा, “यहोवा कौन है कि मैं उसका वचन मानकर इस्राएलियों को जाने दूँ? मैं यहोवा को नहीं जानता, और मैं इस्राएलियों को नहीं जाने दूँगा।”

प्रश्न ३: मूसा और हारून ने फ़िरौन से किस प्रकार की अनुमति मांगी?

उत्तर : उन्होंने कहा कि हमें जंगल में तीन दिन के मार्ग पर जाने दे, ताकि हम अपने परमेश्‍वर यहोवा के लिये बलिदान कर सकें।

प्रश्न ४: फ़िरौन ने इस्राएलियों से काम छुड़वाने के लिए क्या कहा?

उत्तर : फ़िरौन ने कहा, “तुम क्यों लोगों से काम छुड़वाना चाहते हो? तुम जाकर अपना–अपना बोझ उठाओ।”

प्रश्न ५: फ़िरौन ने इस्राएलियों के काम को कैसे कठिन बनाया?

उत्तर : उसने आदेश दिया कि अब उन्हें पुआल नहीं दिया जाएगा, और उन्हें स्वयं जाकर पुआल इकट्ठा करना होगा, लेकिन ईंटों की गिनती कुछ भी न घटेगी।

प्रश्न ६: इस्राएलियों के सरदारों ने फ़िरौन से क्या कहा?

उत्तर : उन्होंने कहा, “तू अपने दासों से ऐसा बर्ताव क्यों करता है? तेरे दासों को पुआल तो दिया ही नहीं जाता।”

प्रश्न ७: फ़िरौन ने इस्राएलियों के सरदारों को क्या जवाब दिया?

उत्तर : फ़िरौन ने कहा, “तुम आलसी हो, आलसी; इसी कारण कहते हो कि हमें यहोवा के लिये बलिदान करने को जाने दे।”

प्रश्न ८: जब इस्राएलियों के सरदारों को काम की कठिनाई का पता चला, तो उनका क्या हाल हुआ?

उत्तर : उन्होंने जान लिया कि उनके संकट के दिन आ गए हैं और मूसा और हारून से शिकायत की कि उन्होंने उन्हें फ़िरौन के हाथ में घात करने के लिए छोड़ दिया है।

प्रश्न ९: मूसा ने यहोवा से क्या कहा?

उत्तर : मूसा ने कहा, “हे प्रभु, तू ने इस प्रजा के साथ ऐसी बुराई क्यों की? और तू ने मुझे यहाँ क्यों भेजा?”

प्रश्न १०: मूसा का फ़िरौन के पास जाने के बाद क्या अनुभव था?

उत्तर : जब से मैं तेरे नाम से फ़िरौन के पास बातें करने के लिये गया तब से उसने इस प्रजा के साथ बुरा ही व्यवहार किया है, और तू ने अपनी प्रजा का कुछ भी छुटकारा नहीं किया।

निर्गमन ६ पर आधारित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न-उत्तर (Q & A):

प्रश्न १: यहोवा ने मूसा से क्या कहा?

उत्तर : यहोवा ने कहा, “अब तू देखेगा कि मैं फ़िरौन से क्या करूँगा, जिससे वह उन्हें बरबस निकालेगा; वह तो उन्हें अपने देश से बरबस निकाल देगा।”

प्रश्न २: यहोवा ने मूसा को कौन सी पहचान बताई?

उत्तर : परमेश्‍वर ने कहा, “मैं यहोवा हूँ। मैं सर्वशक्‍तिमान ईश्‍वर के नाम से अब्राहम, इसहाक, और याक़ूब को दर्शन देता था, परन्तु यहोवा के नाम से मैं उन पर प्रगट न हुआ।”

प्रश्न ३: यहोवा ने अपनी वाचा का क्या आश्वासन दिया?

उत्तर : उसने कहा, “मैं तुम्हें मिस्रियों के बोझों के नीचे से निकालूँगा, और उनके दासत्व से तुम्हें छुड़ाऊँगा, और मैं तुम्हारा परमेश्‍वर ठहरूँगा; और तुम जान लोगे कि मैं तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा हूँ।”

प्रश्न ४: मूसा ने इस्राएलियों को क्या बताया?

उत्तर : मूसा ने यह बातें इस्राएलियों को सुनाईं, लेकिन उन्होंने मन की बेचैनी और दासत्व की क्रूरता के कारण उसकी न सुनी।

प्रश्न ५: यहोवा ने मूसा से फ़िरौन से क्या कहने के लिए कहा?

उत्तर : यहोवा ने कहा, “तू जाकर मिस्र के राजा फ़िरौन से कह कि इस्राएलियों को अपने देश में से निकल जाने दे।”

प्रश्न ६: मूसा ने यहोवा से क्या शिकायत की?

उत्तर : मूसा ने कहा, “देख, इस्राएलियों ने मेरी नहीं सुनी; फिर फ़िरौन मुझ भद्दे बोलनेवाले की कैसे सुनेगा?”

प्रश्न ७: यहोवा ने मूसा और हारून को किस काम के लिए आज्ञा दी?

उत्तर : यहोवा ने उन्हें इस्राएलियों को मिस्र देश से निकालने का आदेश दिया।

प्रश्न ८: इस्राएल के वंशजों के नाम क्या हैं?

उत्तर : रूबेन के पुत्र: हनोक, पल्‍लू, हेस्रोन, कर्म्मी; शिमोन के पुत्र: यमूएल, यामीन, ओहद, याकिन, सोहर; लेवी के पुत्र: गेर्शोन, कहात, मरारी।

प्रश्न ९: हारून और मूसा की मातृभूमि कौन थी?

उत्तर : हारून और मूसा की मातृभूमि योकेबेद थी, जो अम्राम की बहन थी।

प्रश्न १०: मूसा ने यहोवा को क्या कहा जब उसने फ़िरौन को संदेश भेजने का आदेश दिया?

उत्तर : मूसा ने कहा, “मैं तो बोलने में भद्दा हूँ; और फ़िरौन कैसे मेरी सुनेगा?”

निर्गमन ७ पर आधारित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न-उत्तर (Q & A):

प्रश्न १: यहोवा ने मूसा से क्या कहा?

उत्तर : यहोवा ने कहा, “सुन, मैं तुझे फ़िरौन के लिये परमेश्‍वर सा ठहराता हूँ; और तेरा भाई हारून तेरा नबी ठहरेगा।”

प्रश्न २: मूसा को फ़िरौन से क्या कहना था?

उत्तर : उसे यह कहना था कि इस्राएलियों को अपने देश से निकल जाने दे।

प्रश्न ३: यहोवा ने फ़िरौन के मन के बारे में क्या कहा?

उत्तर : यहोवा ने कहा, “मैं फ़िरौन के मन को कठोर कर दूँगा, और अपने बहुत से चिह्न और चमत्कार मिस्र देश में दिखलाऊँगा।”

प्रश्न ४: यहोवा ने इस्राएलियों को निकालने के लिए क्या किया?

उत्तर : यहोवा ने मिस्र पर अपना हाथ बढ़ाकर मिस्रियों को भारी दण्ड देकर अपनी इस्राएली प्रजा को मिस्र देश से निकाल लिया।

प्रश्न ५: हारून ने फ़िरौन के सामने क्या किया?

उत्तर : हारून ने अपनी लाठी को फ़िरौन और उसके कर्मचारियों के सामने डाल दी, और वह अजगर बन गई।

प्रश्न ६: फ़िरौन के जादूगरों ने क्या किया?

उत्तर : फ़िरौन के जादूगरों ने अपनी-अपनी लाठियों को डालकर वैसा ही किया, और उनकी लाठियाँ भी अजगर बन गईं।

प्रश्न ७: यहोवा ने मूसा को फ़िरौन के पास क्यों भेजा?

उत्तर : यहोवा ने मूसा को इसलिए भेजा ताकि वह फ़िरौन से कह सके कि इस्राएलियों को जंगल में उसकी उपासना करने के लिए जाने दे।

प्रश्न ८: यहोवा ने नील नदी के जल के बारे में क्या कहा?

उत्तर : यहोवा ने कहा, “मैं अपने हाथ की लाठी को नील नदी के जल पर मारूँगा, और जल लहू बन जाएगा।”

प्रश्न ९: मूसा और हारून ने यहोवा की आज्ञा के अनुसार क्या किया?

उत्तर : मूसा और हारून ने लाठी को उठाकर फ़िरौन और उसके कर्मचारियों के सामने नील नदी के जल पर मारा, और नदी का सब जल लहू बन गया।

प्रश्न १०: फ़िरौन ने इस विपत्ति पर कैसे प्रतिक्रिया दी?

उत्तर : फ़िरौन का मन हठीला हो गया, और उसने मूसा और हारून की बातों को नहीं माना; फिर वह मुँह फेरकर अपने घर चला गया।

प्रश्न ११: यहोवा ने नील नदी को मारे जाने के बाद क्या हुआ?

उत्तर : जब यहोवा ने नील नदी को मारा, तब मिस्री लोग पीने के जल के लिए नील नदी के आस-पास खोदने लगे।

निर्गमन ८ पर आधारित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न-उत्तर (Q & A):

प्रश्न १: यहोवा ने मूसा से क्या कहा?

उत्तर : यहोवा ने कहा, “फ़िरौन के पास जाकर कह, मेरी प्रजा के लोगों को जाने दे जिससे वे मेरी उपासना करें।”

प्रश्न २: यदि फ़िरौन इस्राएलियों को जाने नहीं देता, तो यहोवा क्या करेगा?

उत्तर : यहोवा ने कहा, “मैं मेंढक भेजकर तेरे सारे देश को हानि पहुँचानेवाला हूँ।”

प्रश्न ३: यहोवा ने मूसा को क्या आदेश दिया?

उत्तर : यहोवा ने हारून से कहा कि नदियों, नहरों, और झीलों के ऊपर लाठी के साथ अपना हाथ बढ़ाकर मेंढकों को मिस्र देश पर चढ़ा ले आए।

प्रश्न ४: फ़िरौन ने मूसा और हारून से क्या माँगा?

उत्तर : फ़िरौन ने कहा, “यहोवा से विनती करो कि वह मेंढकों को मुझ से और मेरी प्रजा से दूर करे; और मैं इस्राएली लोगों को जाने दूँगा।”

प्रश्न ५: मूसा ने फ़िरौन से कब विनती करने के लिए पूछा?

उत्तर : मूसा ने फ़िरौन से पूछा कि वह कब विनती करे कि यहोवा मेंढकों को दूर करे। फ़िरौन ने कहा, “कल।”

प्रश्न ६: यहोवा ने मूसा की विनती पर क्या किया?

उत्तर : यहोवा ने मूसा के कहने के अनुसार किया; और मेंढक घरों, आँगनों, और खेतों में मर गए।

प्रश्न ७: फ़िरौन ने इस विपत्ति के बाद क्या किया?

उत्तर : जब फ़िरौन ने देखा कि अब आराम मिला है, तो उसने फिर अपने मन को कठोर किया, और उनकी न सुनी।

प्रश्न ८: यहोवा ने कुटकियों के बारे में क्या किया?

उत्तर : यहोवा ने हारून को आज्ञा दी कि वह अपनी लाठी बढ़ाकर भूमि की धूल पर मारे, जिससे वह मिस्र देश भर में कुटकियाँ बन जाएँ।

प्रश्न ९: जादूगरों ने कुटकियों के मामले में क्या कहा?

उत्तर : जादूगरों ने फ़िरौन से कहा, “यह तो परमेश्‍वर के हाथ का काम है।”

प्रश्न १०: यहोवा ने डांसों के झुण्ड भेजने के बारे में क्या कहा?

उत्तर : यहोवा ने कहा, “यदि तू मेरी प्रजा को न जाने देगा, तो मैं तुझ पर और तेरे कर्मचारियों पर झुंड के झुंड डांस भेजूँगा।”

प्रश्न ११: मूसा ने फ़िरौन को क्या सलाह दी?

उत्तर : मूसा ने कहा कि हम जंगल में तीन दिन के मार्ग पर जाकर अपने परमेश्‍वर यहोवा के लिए बलिदान करेंगे।

प्रश्न १२: फ़िरौन ने इस बार क्या किया?

उत्तर : फ़िरौन ने इस बार भी अपने मन को कठोर किया, और उन लोगों को जाने न दिया।

निर्गमन ९ पर आधारित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न-उत्तर (Q & A):

प्रश्न १: यहोवा ने फ़िरौन से इब्रियों के बारे में क्या कहा?

उत्तर : यहोवा ने कहा, “मेरी प्रजा के लोगों को जाने दे ताकि वे मेरी उपासना करें।”

प्रश्न २: अगर फ़िरौन ने उन्हें नहीं छोड़ा, तो क्या होगा?

उत्तर : अगर उसने नहीं छोड़ा, तो मिस्र के सभी पशुओं पर भयंकर मरी पड़ेगी, लेकिन इस्राएलियों के पशु बच जाएँगे।

प्रश्न ३: मिस्र के पशुओं के साथ क्या हुआ?

उत्तर : यहोवा ने दूसरे दिन ऐसा किया, और सभी मिस्रियों के पशु मर गए, जबकि इस्राएलियों का एक भी पशु नहीं मरा।

प्रश्न ४: फ़िरौन ने पशुओं की मृत्यु के बाद क्या किया?

उत्तर : फ़िरौन ने लोगों को भेजा, परंतु फिर भी उसका मन कठोर हो गया, और उसने इस्राएलियों को जाने नहीं दिया।

प्रश्न ५: यहोवा ने मूसा से क्या कहा था कि वह फ़िरौन को बताए?

उत्तर : यहोवा ने कहा, “तू फ़िरौन से कह कि यदि वह मेरी प्रजा को जाने नहीं देगा, तो मैं ओले बरसाने वाला हूँ।”

प्रश्न ६: ओलों की वर्षा के समय क्या आदेश दिया गया था?

उत्तर : यहोवा ने कहा कि लोग अपने पशुओं को सुरक्षित स्थान पर ले जाएँ, नहीं तो ओले गिरने से वे मर जाएँगे।

प्रश्न ७: ओलों के परिणामस्वरूप मिस्र में क्या हुआ?

उत्तर : ओले गिरने से मिस्र के सभी पशु और उपज नष्ट हो गए, लेकिन गोशेन में जहाँ इस्राएली थे, वहाँ ओले नहीं गिरे।

प्रश्न ८: फ़िरौन ने ओलों के बाद मूसा से क्या कहा?

उत्तर : फ़िरौन ने कहा, “मैंने पाप किया है; यहोवा धर्मी है, और मैं और मेरी प्रजा अधर्मी हैं।”

प्रश्न ९: मूसा ने फ़िरौन को क्या आश्वासन दिया?

उत्तर : मूसा ने कहा, “मैं यहोवा की ओर हाथ फैलाऊँगा, तब बादल का गरजना और ओले गिरना बंद हो जाएगा।”

प्रश्न १०: अंत में फ़िरौन का मन कैसे हुआ?

उत्तर : ओलों के गिरने और बारिश के रुकने के बाद भी फ़िरौन ने अपने मन को कठोर किया और इस्राएलियों को जाने नहीं दिया।

निर्गमन १० पर आधारित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न-उत्तर (Q & A):

प्रश्न १: यहोवा ने मूसा से फ़िरौन के बारे में क्या कहा?

उत्तर : यहोवा ने कहा कि उसने फ़िरौन और उसके कर्मचारियों के मन को कठोर कर दिया है ताकि वह अपने चिह्न दिखा सके।

प्रश्न २: मूसा ने फ़िरौन को क्या चेतावनी दी?

उत्तर : मूसा ने कहा कि अगर फ़िरौन ने अपनी प्रजा को जाने नहीं दिया, तो वह मिस्र में टिड्डियाँ लाएगा जो सब कुछ खा जाएँगी।

प्रश्न ३: टिड्डियों का आक्रमण मिस्र में कैसे हुआ?

उत्तर : मूसा ने अपना हाथ बढ़ाया और यहोवा ने पुरवाई बहाकर टिड्डियों को भेजा, जो मिस्र में छा गईं और अंधकार फैला दिया।

प्रश्न ४: टिड्डियों ने मिस्र में क्या-क्या नष्ट किया?

उत्तर : टिड्डियों ने सारे अन्न, वृक्षों के फल, और जो कुछ ओलों से बचा था, सबको चट कर लिया।

प्रश्न ५: फ़िरौन ने टिड्डियों के बाद मूसा से क्या कहा?

उत्तर : फ़िरौन ने कहा कि उसने यहोवा और मूसा का अपराध किया है, और मृत्यु को दूर करने के लिए क्षमा माँगी।

प्रश्न ६: यहोवा ने टिड्डियों का क्या किया?

उत्तर : यहोवा ने एक प्रचण्ड पश्‍चिमी हवा बहाकर टिड्डियों को लाल समुद्र में उड़ा दिया, जिससे मिस्र में एक भी टिड्डी नहीं रही।

प्रश्न ७: यहोवा ने मूसा से अगले संकेत के लिए क्या कहा?

उत्तर : यहोवा ने कहा कि मूसा अपना हाथ आकाश की ओर बढ़ाए ताकि मिस्र पर अंधकार छा जाए।

प्रश्न ८: अंधकार कितने समय तक रहा?

उत्तर : अंधकार तीन दिन तक रहा, जिसमें कोई भी एक-दूसरे को नहीं देख सका और न ही अपने स्थान से उठा।

प्रश्न ९: फ़िरौन ने अंधकार के बाद मूसा को क्या आज्ञा दी?

उत्तर : फ़िरौन ने मूसा को कहा कि वे जाएँ और यहोवा की उपासना करें, लेकिन अपने पशुओं को छोड़ दें।

प्रश्न १०: मूसा ने फ़िरौन के सामने अपनी प्रतिक्रिया क्या दी?

उत्तर : मूसा ने कहा कि वे अपने पशुओं को लेकर जाएंगे क्योंकि उन्हें यहोवा की उपासना के लिए सभी पशुओं की आवश्यकता है।

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