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उत्पत्ति १ से १० अध्याय पर आधारित प्रश्न और उत्तर | Questions and Answers on Genesis 1 to 10

उत्पत्ति १ से १० पर आधारित प्रश्न और उत्तर

उत्पत्ति १ से १० पर आधारित प्रश्न और उत्तर | Q and A on Genesis 1 to 10

यह पृष्ठ "उत्पत्ति १ से १० अध्याय पर आधारित प्रश्न और उत्तर" का संग्रह है, जो बाइबिल के पहले दस अध्यायों की प्रमुख घटनाओं और शिक्षाओं को प्रस्तुत करता है। इसमें सृष्टि की प्रक्रिया (उत्पत्ति १), आदम और हव्वा का निर्माण (उत्पत्ति २), और नूह की वंशावली (उत्पत्ति १०) से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नों और उनके सरल एवं स्पष्ट उत्तर शामिल हैं।

पाठक यहाँ विभिन्न प्रश्नों के उत्तर पा सकेंगे, जो बाइबिल की गहराई को समझने में मदद करेंगे। यह पृष्ठ विशेष रूप से छात्रों, शिक्षकों, और धार्मिक अध्ययन करने वालों के लिए उपयोगी है। हर प्रश्न का उत्तर बाइबिल की संबंधित पुस्तक और अध्याय के संदर्भ में दिया गया है, जिससे पाठक आसानी से जानकारी प्राप्त कर सकें और अपने ज्ञान को बढ़ा सकें।

इस पृष्ठ का उद्देश्य बाइबिल के महत्वपूर्ण अध्यायों से संबंधित प्रश्नों का समाधान करना है। प्रश्नों के उत्तर स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किए गए हैं, ताकि पाठक समझ सकें कि ये कहानियाँ उनकी आध्यात्मिक यात्रा में किस प्रकार सहायक हो सकती हैं। इस तरह, पाठक अपने विश्वास को मजबूत कर सकेंगे और बाइबिल की शिक्षाओं को अपने जीवन में लागू कर सकेंगे।

उत्पत्ति १ पर आधारित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न-उत्तर (Q & A):

प्रश्न १: परमेश्वर ने सृष्टि की शुरुआत में क्या बनाया?

उत्तर : परमेश्वर ने शुरुआत में आकाश और पृथ्वी की रचना की।

प्रश्न २: पृथ्वी की प्रारंभिक स्थिति कैसी थी?

उत्तर : पृथ्वी बेडौल और सुनसान पड़ी थी, और गहरे जल के ऊपर अन्धियारा था।

प्रश्न ३: उजियाले की सृष्टि कैसे हुई?

उत्तर : परमेश्वर ने कहा, "उजियाला हो," और उजियाला हो गया।

प्रश्न ४: परमेश्वर ने उजियाले और अन्धियारे का नामकरण कैसे किया?

उत्तर : परमेश्वर ने उजियाले को "दिन" और अन्धियारे को "रात" कहा।

प्रश्न ५: दूसरे दिन परमेश्वर ने क्या किया?

उत्तर : दूसरे दिन, परमेश्वर ने जल के बीच अन्तर किया, जिससे आकाश और पृथ्वी के जल को अलग किया।

प्रश्न ६: तीसरे दिन परमेश्वर ने क्या सृजन किया?

उत्तर : तीसरे दिन, परमेश्वर ने सूखी भूमि, हरी घास, बीजवाले पेड़ और फलदाई वृक्षों की रचना की।

प्रश्न ७: परमेश्वर ने चौथे दिन कौन से ज्योतिर्मय वस्तुएँ बनाईं?

उत्तर : चौथे दिन, परमेश्वर ने सूर्य, चंद्रमा और तारों को बनाया, जिससे दिन और रात अलग हो सकें।

प्रश्न ८: पाँचवें दिन परमेश्वर ने क्या रचा?

उत्तर : पाँचवें दिन, परमेश्वर ने जल में जीवित प्राणियों और आकाश में उड़ने वाले पक्षियों की सृष्टि की।

प्रश्न ९: छठवें दिन परमेश्वर ने कौन सी सृष्टि की?

उत्तर : छठवें दिन, परमेश्वर ने भूमि के प्राणियों और मनुष्य की सृष्टि की।

प्रश्न १०: परमेश्वर ने मनुष्य को क्या आदेश दिया?

उत्तर : परमेश्वर ने मनुष्य से कहा कि वे फलें-फूलें, पृथ्वी पर अधिकार करें, और सभी जीवों पर शासन करें।

उत्पत्ति २ पर आधारित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न-उत्तर (Q & A):

प्रश्न १: परमेश्वर ने सातवें दिन क्या किया?

उत्तर : परमेश्वर ने अपने किए हुए सारे काम से विश्राम किया और सातवें दिन को आशीष दी और पवित्र ठहराया।

प्रश्न २: मनुष्य की रचना कैसे हुई?

उत्तर : परमेश्वर ने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा और उसके नथनों में जीवन का श्वास फूँक दिया।

प्रश्न ३: अदन की वाटिका में क्या विशेषताएँ थीं?

उत्तर : अदन की वाटिका में देखने में मनोहर वृक्ष और खाने में अच्छे फल थे, और वहाँ जीवन के वृक्ष के साथ भले और बुरे के ज्ञान का वृक्ष भी था।

प्रश्न ४: परमेश्वर ने आदम को कौन सी आज्ञा दी?

उत्तर : परमेश्वर ने आदम को यह आज्ञा दी कि वह वाटिका के सब वृक्षों का फल बिना खटके खा सकता है, पर भले या बुरे के ज्ञान का वृक्ष का फल कभी न खाए।

प्रश्न ५: आदम के लिए सहायक का निर्माण कैसे हुआ?

उत्तर : परमेश्वर ने आदम को भारी नींद में डालकर उसकी एक पसली निकाली और उससे स्त्री का निर्माण किया।

प्रश्न ६: आदम ने स्त्री को क्या नाम दिया और क्यों?

उत्तर : आदम ने कहा, "अब यह मेरी हड्डियों में की हड्डी और मेरे मांस में का मांस है," इसलिए इसका नाम नारी रखा गया।

प्रश्न ७: पति और पत्नी के संबंध का आधार क्या है?

उत्तर : पति अपने माता-पिता को छोड़कर अपनी पत्नी से मिलेगा, और वे एक ही तन बने रहेंगे।

प्रश्न ८: आदम और उसकी पत्नी की स्थिति क्या थी?

उत्तर : आदम और उसकी पत्नी दोनों नंगे थे, पर लजाते नहीं थे।

उत्पत्ति ३ पर आधारित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न-उत्तर (Q & A):

प्रश्न १: सर्प ने स्त्री से क्या पूछा?

उत्तर : सर्प ने स्त्री से पूछा, “क्या सच है कि परमेश्वर ने कहा, ‘तुम इस वाटिका के किसी वृक्ष का फल न खाना’?”

प्रश्न २: स्त्री ने सर्प को क्या उत्तर दिया?

उत्तर : स्त्री ने कहा, “इस वाटिका के वृक्षों के फल हम खा सकते हैं, परंतु जो वृक्ष वाटिका के बीच में है, उसके फल के विषय में परमेश्वर ने कहा है कि न तो तुम उसे खाना और न उसे छूना, नहीं तो तुम मर जाओगे।”

प्रश्न ३: सर्प ने स्त्री को क्या कहा?

उत्तर : सर्प ने कहा, “तुम निश्चित रूप से नहीं मरोगे! परमेश्वर जानता है कि जिस दिन तुम उसका फल खाओगे, उसी दिन तुम्हारी आँखें खुल जाएँगी, और तुम भले-बुरे का ज्ञान प्राप्त कर परमेश्वर के समान हो जाओगे।”

प्रश्न ४: स्त्री ने उस वृक्ष का फल क्यों खाया?

उत्तर : स्त्री ने देखा कि वह फल खाने के लिए अच्छा, देखने में आकर्षक, और बुद्धि देने के लिए योग्य था; इसलिए उसने उसे खाया और अपने पति को भी दिया।

प्रश्न ५: फल खाने के बाद आदम और उसकी पत्नी को क्या अहसास हुआ?

उत्तर : उनके आँखें खुल गईं, और उन्हें एहसास हुआ कि वे नंगे हैं; इसलिए उन्होंने अंजीर के पत्तों से लंगोट बना लिए।

प्रश्न ६: जब परमेश्वर वाटिका में आए, तब आदम और उसकी पत्नी ने क्या किया?

उत्तर : वे यहोवा परमेश्वर से छिप गए, क्योंकि उन्हें नंगे होने का डर लग रहा था।

प्रश्न ७: परमेश्वर ने आदम से क्या पूछा, और आदम ने क्या उत्तर दिया?

उत्तर : परमेश्वर ने पूछा, “तू कहाँ है?” आदम ने उत्तर दिया, “मैंने तेरा शब्द सुना और डर गया, क्योंकि मैं नंगा हूँ, इसलिए मैं छिप गया।”

प्रश्न ८: जब परमेश्वर ने आदम से उसके पाप के बारे में पूछा, तो उसने क्या कहा?

उत्तर : आदम ने कहा, “जिस स्त्री को तूने मेरे संग दिया है, उसी ने मुझे वह फल दिया, और मैंने खा लिया।”

प्रश्न ९: स्त्री ने अपनी गलती का दोष किस पर डाला?

उत्तर : स्त्री ने कहा, “सर्प ने मुझे धोखा दिया, और मैंने खा लिया।”

प्रश्न १०: परमेश्वर ने सर्प को क्या शाप दिया?

उत्तर : परमेश्वर ने सर्प से कहा कि वह शापित है, वह जीवनभर पेट के बल चलेगा और मिट्टी खाएगा, और स्त्री और उसके वंश के साथ उसका बैर रहेगा।

प्रश्न ११: परमेश्वर ने स्त्री को क्या कहा?

उत्तर : परमेश्वर ने स्त्री से कहा, “तेरी पीड़ा और गर्भवती होने का दु:ख बढ़ाऊँगा, तू पीड़ित होकर बालक उत्पन्न करेगी, और तेरी लालसा तेरे पति की ओर होगी, और वह तुझ पर प्रभुता करेगा।”

प्रश्न १२: परमेश्वर ने आदम को क्या दंड दिया?

उत्तर : परमेश्वर ने कहा कि भूमि आदम के कारण शापित है, उसे जीवनभर दु:ख के साथ भूमि से अपनी आजीविका प्राप्त करनी होगी, और अंततः वह मिट्टी में मिल जाएगा।

प्रश्न १३: आदम ने अपनी पत्नी का क्या नाम रखा, और क्यों?

उत्तर : आदम ने अपनी पत्नी का नाम हव्वा रखा, क्योंकि वह सभी जीवितों की माता थी।

प्रश्न १४: परमेश्वर ने आदम और हव्वा को क्या पहनाया?

उत्तर : परमेश्वर ने आदम और हव्वा के लिए चमड़े के अंगरखे बनाए और उन्हें पहनाया।

प्रश्न १५: परमेश्वर ने आदम और हव्वा को अदन की वाटिका से क्यों निकाल दिया?

उत्तर : परमेश्वर ने आदम और हव्वा को निकाला ताकि वे जीवन के वृक्ष का फल न खा सकें और हमेशा के लिए जीवित न रहें।

उत्पत्ति ४ पर आधारित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न-उत्तर (Q & A):

प्रश्न १: कैन और हाबिल का जन्म कैसे हुआ?

उत्तर : जब आदम ने अपनी पत्नी हव्वा के पास गया, तब उसने कैन को जन्म दिया और कहा कि यहोवा की सहायता से एक पुरुष पाया है। इसके बाद, हाबिल का जन्म हुआ।

प्रश्न २: कैन और हाबिल के कार्य क्या थे?

उत्तर : कैन भूमि पर खेती करने वाला किसान था, जबकि हाबिल भेड़–बकरियों का चरवाहा बन गया।

प्रश्न ३: कैन और हाबिल ने यहोवा को क्या भेंट चढ़ाई?

उत्तर : कैन ने भूमि की उपज से कुछ भेंट चढ़ाई, जबकि हाबिल ने अपनी भेड़–बकरियों के पहिलौठे बच्चे और उनकी चर्बी भेंट चढ़ाई।

प्रश्न ४: यहोवा ने हाबिल की भेंट को स्वीकार क्यों किया?

उत्तर : यहोवा ने हाबिल और उसकी भेंट को ग्रहण किया, लेकिन कैन और उसकी भेंट को ग्रहण नहीं किया, जो संकेत करता है कि यहोवा ने हृदय की स्थिति और भेंट की गुणवत्ता पर ध्यान दिया।

प्रश्न ५: कैन का क्रोध का कारण क्या था?

उत्तर : हाबिल की भेंट को स्वीकार नहीं किए जाने के कारण कैन बहुत क्रोधित हुआ और उसके चेहरे पर उदासी छा गई।

प्रश्न ६: यहोवा ने कैन को क्या चेतावनी दी?

उत्तर : यहोवा ने कैन से कहा कि यदि वह भला करे, तो उसकी भेंट भी स्वीकार की जाएगी। उसने चेतावनी दी कि पाप द्वार पर छिपा रहता है और उसकी लालसा कैन की ओर होगी।

प्रश्न ७: कैन ने अपने भाई हाबिल के साथ क्या किया?

उत्तर : कैन ने अपने भाई हाबिल को मार डाला।

प्रश्न ८: यहोवा ने कैन से उसके भाई हाबिल के बारे में क्या पूछा?

उत्तर : यहोवा ने कैन से पूछा, "तेरा भाई हाबिल कहाँ है?" कैन ने कहा, "मालूम नहीं; क्या मैं अपने भाई का रखवाला हूँ?"

प्रश्न ९: कैन को किस प्रकार की सजा दी गई?

उत्तर : यहोवा ने कैन को शापित किया कि वह पृथ्वी पर भटकनेवाला और भगोड़ा होगा और उसकी खेती की उपज उसे नहीं मिलेगी।

प्रश्न १०: कैन ने अपनी सजा के बारे में क्या कहा?

उत्तर : कैन ने कहा कि उसका दण्ड सहने से बाहर है और उसके लिए यह कठिनाई है कि वह भूमि पर से निकाला गया है।

प्रश्न ११: कैन का वंशज कौन थे?

उत्तर : कैन ने हनोक को जन्म दिया और एक नगर बसाया जिसका नाम उसने अपने पुत्र के नाम पर रखा। हनोक से ईराद, महूयाएल, मतूशाएल, और लेमेक उत्पन्न हुए।

प्रश्न १२: लेमेक ने अपने परिवार के बारे में क्या कहा?

उत्तर : लेमेक ने अपनी पत्नियों से कहा कि यदि कैन का बदला सातगुणा लिया जाएगा, तो उसका सतहत्तरगुणा लिया जाएगा।

प्रश्न १३: आदम का तीसरा पुत्र कौन था?

उत्तर : आदम ने शेत को जन्म दिया, और उसका नाम शेत रखा, जिसका अर्थ था "परमेश्वर ने हाबिल के बदले एक और वंश ठहरा दिया है।"

प्रश्न १४: एनोश का नामकरण किससे संबंधित है?

उत्तर : शेत के पुत्र एनोश का नामकरण उसी समय से संबंधित है जब से लोग यहोवा से प्रार्थना करने लगे।

उत्पत्ति ५ पर आधारित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न-उत्तर (Q & A):

प्रश्न १: आदम को किस रूप में बनाया गया था?

उत्तर : परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप में बनाया।

प्रश्न २: आदम का पहला पुत्र कौन था और उसका नाम क्या था?

उत्तर : आदम का पहला पुत्र शेत था, जिसका नाम आदम ने रखा।

प्रश्न ३: आदम की कुल आयु कितनी थी?

उत्तर : आदम की कुल आयु नौ सौ तीस वर्ष थी।

प्रश्न ४: शेत का जन्म कब हुआ?

उत्तर : जब आदम एक सौ तीस वर्ष का हुआ, तब शेत का जन्म हुआ।

प्रश्न ५: शेत के बाद एनोश का जन्म कब हुआ?

उत्तर : शेत के एक सौ पाँच वर्ष का होने पर एनोश का जन्म हुआ।

प्रश्न ६: हनोक के जन्म के समय येरेद की आयु कितनी थी?

उत्तर : येरेद एक सौ बासठ वर्ष का था जब हनोक का जन्म हुआ।

प्रश्न ७: हनोक ने कितने वर्ष परमेश्वर के साथ चला?

उत्तर : हनोक ने तीन सौ वर्ष तक परमेश्वर के साथ चला।

प्रश्न ८: मतूशेलह का जन्म कब हुआ?

उत्तर : मतूशेलह का जन्म तब हुआ जब वह एक सौ सत्तासी वर्ष का था।

प्रश्न ९: लेमेक ने अपने पुत्र का नाम क्यों रखा?

उत्तर : लेमेक ने अपने पुत्र का नाम नूह रखा क्योंकि उसने कहा कि यह लड़का पृथ्वी को शाप देने वाले कार्य में शांति देगा।

प्रश्न १०: नूह के जन्म के बाद लेमेक की कुल आयु कितनी थी?

उत्तर : नूह के जन्म के बाद लेमेक की कुल आयु सात सौ सतहत्तर वर्ष थी।

उत्पत्ति ६ पर आधारित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न-उत्तर (Q & A):

प्रश्न १: मनुष्य जाति के बढ़ने पर क्या हुआ?

उत्तर : जब मनुष्य भूमि पर बहुत बढ़ने लगे और उनके बेटियाँ उत्पन्न हुईं, तब परमेश्वर के पुत्रों ने मनुष्य की पुत्रियों को देखा कि वे सुन्दर हैं और उन्होंने उनसे विवाह कर लिया।

प्रश्न २: परमेश्वर ने मनुष्य के बारे में क्या कहा?

उत्तर : परमेश्वर ने कहा, "मेरा आत्मा मनुष्य से सदा लों विवाद करता न रहेगा, क्योंकि मनुष्य भी शरीर ही है; उसकी आयु एक सौ बीस वर्ष की होगी।"

प्रश्न ३: उन दिनों पृथ्वी पर क्या स्थिति थी?

उत्तर : उन दिनों पृथ्वी पर दानव रहते थे, और परमेश्वर के पुत्र मनुष्य की पुत्रियों के पास गए और उनके द्वारा जो पुत्र उत्पन्न हुए वे शूरवीर थे, जिनकी कीर्ति प्राचीनकाल से प्रचलित थी।

प्रश्न ४: यहोवा ने मनुष्यों की बुराई के बारे में क्या देखा?

उत्तर : यहोवा ने देखा कि मनुष्यों की बुराई पृथ्वी पर बढ़ गई है, और उनके मन के विचार में जो कुछ उत्पन्न होता है वह निरन्तर बुरा ही होता है।

प्रश्न ५: यहोवा ने मनुष्य को बनाने पर क्या महसूस किया?

उत्तर : यहोवा ने पृथ्वी पर मनुष्य को बनाने से पछताया और वह मन में अति खेदित हुआ।

प्रश्न ६: यहोवा ने क्या करने का निर्णय लिया?

उत्तर : यहोवा ने कहा, "मैं मनुष्य को, जिसकी मैंने सृष्टि की है, पृथ्वी के ऊपर से मिटा दूँगा; क्या मनुष्य, क्या पशु, क्या रेंगनेवाले जन्तु, क्या आकाश के पक्षी, सब को मिटा दूँगा।"

प्रश्न ७: किन्तु यहोवा का अनुग्रह किस पर था?

उत्तर : यहोवा के अनुग्रह की दृष्टि नूह पर बनी रही।

प्रश्न ८: नूह की विशेषताएँ क्या थीं?

उत्तर : नूह धर्मी पुरुष और अपने समय के लोगों में खरा था, और वह परमेश्वर के साथ चलता रहा।

प्रश्न ९: परमेश्वर ने नूह से क्या कहा?

उत्तर : परमेश्वर ने नूह से कहा, "सब प्राणियों के अन्त करने का प्रश्न मेरे सामने आ गया है; क्योंकि उनके कारण पृथ्वी उपद्रव से भर गई है, इसलिये मैं उनको पृथ्वी समेत नष्ट कर डालूँगा।"

प्रश्न १०: नूह को क्या करने के लिए कहा गया?

उत्तर : नूह को गोपेर वृक्ष की लकड़ी से एक जहाज बनाने, उसमें कोठरियाँ बनाने और उसे भीतर-बहिर राल लगाने के लिए कहा गया।

प्रश्न ११: जहाज का आकार क्या था?

उत्तर : जहाज की लम्बाई तीन सौ हाथ, चौड़ाई पचास हाथ, और ऊँचाई तीस हाथ की होनी थी।

प्रश्न १२: नूह को जहाज में किसे लाने के लिए कहा गया?

उत्तर : नूह को सभी जीवित प्राणियों में से एक एक जाति के दो-दो (एक नर और एक मादा) जहाज में ले जाने के लिए कहा गया।

प्रश्न १३: नूह ने परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार क्या किया?

उत्तर : परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार नूह ने सब कुछ किया।

उत्पत्ति ७ पर आधारित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न-उत्तर (Q & A):

प्रश्न १: परमेश्वर ने नूह और उसके संग क्या किया?

उत्तर : परमेश्वर ने नूह और उसके संग जहाज में मौजूद सभी बनैले और घरेलू पशुओं की सुधि ली, और पृथ्वी पर पवन बहाई, जिससे जल घटने लगा।

प्रश्न २: जल कब घटने लगा?

उत्तर : जल एक सौ पचास दिन के पश्चात् लगातार घटने लगा।

प्रश्न ३: जहाज किस पहाड़ पर टिक गया?

उत्तर : जहाज अरारात नामक पहाड़ पर टिक गया।

प्रश्न ४: नूह ने कौआ और कबूतर क्यों उड़ाया?

उत्तर :नूह ने कौआ उड़ाया ताकि वह देख सके कि जल सूख गया है या नहीं; फिर कबूतर को उड़ाया ताकि वह यह जान सके कि जल भूमि पर घट गया है या नहीं।

प्रश्न ५: कबूतर ने नूह को क्या सूचना दी?

उत्तर : कबूतर ने नूह को जैतून का एक नया पत्ता लाकर बताया कि जल पृथ्वी पर घट गया है।

प्रश्न ६: जल कब पूरी तरह से सूख गया?

उत्तर : जल नूह की आयु के छ: सौ एक वर्ष के पहले महीने के पहले दिन सूख गया और दूसरे महीने के सत्ताईसवें दिन पूरी तरह से सूख गया।

प्रश्न ७: परमेश्वर ने नूह से क्या कहा जब जल सूख गया?

उत्तर : परमेश्वर ने कहा, "तू अपने पुत्रों, पत्नी, और बहुओं समेत जहाज में से निकल आ।"

प्रश्न ८: नूह ने यहोवा के लिए क्या किया?

उत्तर : नूह ने यहोवा के लिए एक वेदी बनाई और सब शुद्ध पशुओं और पक्षियों में से कुछ लेकर वेदी पर होमबलि चढ़ाया।

प्रश्न ९: यहोवा ने नूह की बलि पर क्या कहा?

उत्तर : यहोवा ने सुखदायक सुगंध पाकर सोचा कि वह मनुष्य के कारण भूमि को फिर कभी शाप नहीं देगा।

प्रश्न १०: परमेश्वर ने क्या वादा किया जब तक पृथ्वी बनी रहेगी?

उत्तर : परमेश्वर ने कहा कि "जब तक पृथ्वी बनी रहेगी, तब तक बोने और काटने, ठण्ड और तपन, धूपकाल और शीतकाल, दिन और रात निरन्तर होते चले जाएंगे।"

उत्पत्ति ८ पर आधारित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न-उत्तर (Q & A):

प्रश्न १: यहोवा ने नूह से क्या कहा?

उत्तर : यहोवा ने कहा, "तू अपने सारे घराने समेत जहाज में जा; क्योंकि मैं ने इस समय के लोगों में से केवल तुझी को अपनी दृष्टि में धर्मी पाया है।"

प्रश्न २: नूह को कितने शुद्ध पशु और कितने अशुद्ध पशु लाने के लिए कहा गया?

उत्तर : शुद्ध पशुओं में से नूह को सात सात जोड़े (नर और मादा) लेने के लिए कहा गया; और अशुद्ध पशुओं में से दो दो (नर और मादा) लेना था।

प्रश्न ३: यहोवा ने जल प्रलय के लिए कितने दिन पहले नूह को चेतावनी दी?

उत्तर : यहोवा ने कहा कि "अब सात दिन और बीतने पर मैं पृथ्वी पर चालीस दिन और चालीस रात तक जल बरसाता रहूँगा।"

प्रश्न ४: नूह की उम्र जब जल प्रलय आया, क्या थी?

उत्तर : नूह की आयु छ: सौ वर्ष की थी, जब जल प्रलय पृथ्वी पर आया।

प्रश्न ५: नूह ने अपने परिवार के साथ जहाज में कौन-कौन से प्राणियों को लिया?

उत्तर : नूह ने अपने पुत्रों, पत्नी, और बहुओं के साथ-साथ सभी शुद्ध और अशुद्ध पशुओं को, पक्षियों और भूमि पर रेंगनेवाले जन्तुओं को भी जहाज में लिया।

प्रश्न ६: जल प्रलय कब शुरू हुआ?

उत्तर : जल प्रलय नूह की आयु के छ: सौवें वर्ष के दूसरे महीने के सत्रहवें दिन शुरू हुआ।

प्रश्न ७: जल प्रलय के दौरान पृथ्वी पर क्या हुआ?

उत्तर : पृथ्वी पर चालीस दिन तक जल प्रलय होता रहा, जिससे पानी बढ़ता गया और जहाज ऊपर उठने लगा।

प्रश्न ८: जल प्रलय के दौरान पृथ्वी पर क्या डूब गया?

उत्तर : जल बढ़ते-बढ़ते पृथ्वी पर के सभी बड़े पहाड़ भी डूब गए।

प्रश्न ९: जल प्रलय के दौरान कितने प्राणी मरे?

उत्तर : सभी मनुष्य, पशु, रेंगने वाले जन्तु, और आकाश के पक्षी, जो भूमि पर थे, वे सब मर गए।

प्रश्न १०: जल प्रलय कब तक प्रबल रहा?

उत्तर : जल पृथ्वी पर एक सौ पचास दिन तक प्रबल रहा।

उत्पत्ति ९ पर आधारित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न-उत्तर (Q & A):

प्रश्न १: परमेश्वर ने नूह और उसके पुत्रों को क्या निर्देश दिया?

उत्तर : परमेश्वर ने कहा, “फूलो–फलो, और बढ़ो, और पृथ्वी में भर जाओ।”

प्रश्न २: परमेश्वर ने पृथ्वी के सभी जीवों पर नूह का अधिकार किस प्रकार स्थापित किया?

उत्तर : परमेश्वर ने कहा कि पृथ्वी के सभी पशु, पक्षी, और मछलियाँ नूह के वश में कर दिए गए हैं।

प्रश्न ३: नूह को खाने के लिए क्या अनुमति दी गई थी और क्या वर्जित किया गया?

उत्तर : नूह को सब चलनेवाले जन्तुओं का मांस खाने की अनुमति दी गई, परंतु मांस को प्राण और लहू समेत खाना वर्जित किया गया।

प्रश्न ४: परमेश्वर ने मनुष्य के प्राण का बदला किस प्रकार लेने का आदेश दिया?

उत्तर : परमेश्वर ने कहा कि मनुष्य का प्राण बहाने वाले का प्राण मनुष्य से ही लिया जाएगा।

प्रश्न ५: परमेश्वर ने नूह के साथ कौन सी वाचा बाँधी?

उत्तर : परमेश्वर ने नूह और उसके वंश के साथ वाचा बाँधी कि कोई भी प्राणी जल–प्रलय से नष्ट नहीं होगा और पृथ्वी का नाश करने के लिए फिर जल–प्रलय नहीं होगा।

प्रश्न ६: वाचा का चिह्न क्या था?

उत्तर : परमेश्वर ने कहा कि बादल में रखा गया धनुष (इंद्रधनुष) उस वाचा का चिह्न होगा।

प्रश्न ७: नूह के पुत्र कौन थे और उनके वंश का क्या हुआ?

उत्तर : नूह के पुत्र शेम, हाम और येपेत थे, और इनका वंश सारी पृथ्वी पर फैल गया।

प्रश्न ८: नूह ने क्या किया और इसके परिणामस्वरूप क्या हुआ?

उत्तर : नूह ने दाख की बारी लगाई और दाखमधु पीकर मतवाला हो गया, जिससे वह अपने तम्बू में नंगा हो गया।

प्रश्न ९: हाम ने नूह को नंगा कैसे देखा और उसने क्या किया?

उत्तर : हाम ने अपने पिता को नंगा देखा और बाहर जाकर अपने भाइयों को बतलाया।

प्रश्न १०: नूह ने अपने छोटे पुत्र हाम के साथ क्या किया?

उत्तर : जब नूह को अपने छोटे पुत्र की क्रिया का पता चला, तो उसने हाम के पुत्र कनान को शापित किया।

प्रश्न ११: नूह की आयु कितनी थी और उसने कितने वर्ष जीवित रहा?

उत्तर : नूह की कुल आयु साढ़े नौ सौ वर्ष थी, और वह जल–प्रलय के बाद साढ़े तीन सौ वर्ष जीवित रहा।

उत्पत्ति १० पर आधारित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न-उत्तर (Q & A):

प्रश्न १: नूह के कौन-कौन से पुत्र थे?

उत्तर : नूह के पुत्र शेम, हाम, और येपेत थे।

प्रश्न २: येपेत के पुत्र कौन-कौन थे?

उत्तर : येपेत के पुत्र गोमेर, मागोग, मादै, यावान, तूबल, मेशेक, और तीरास थे।

प्रश्न ३: हाम के पुत्र कौन थे?

उत्तर : हाम के पुत्र कूश, मिस्र, फूत और कनान थे।

प्रश्न ४: कूश के पुत्र कौन-कौन थे?

उत्तर :कूश के पुत्र सबा, हवीला, सबता, रामा, और सबूतका थे।

प्रश्न ५: निम्रोद कौन था?

उत्तर : निम्रोद कूश का पुत्र था और पृथ्वी पर पहला वीर माना गया। वह यहोवा की दृष्टि में पराक्रमी शिकार खेलनेवाला था।

प्रश्न ६: निम्रोद का राज्य कहाँ से आरंभ हुआ?

उत्तर : उसके राज्य का आरंभ शिनार देश में बेबीलोन, एरेख, अक्‍कद और कलने से हुआ।

प्रश्न ७: मिस्र के वंश में कौन-कौन लोग हुए?

उत्तर : मिस्र के वंश में लूदी, अनामी, लहाबी, नप्‍तूही, पत्रूसी, कसलूही और कप्‍तोरी लोग हुए।

प्रश्न ८: कनान के वंश में कौन-कौन थे?

उत्तर : कनान के वंश में सीदोन, हित्त, यबूसी, एमोरी, गिर्गाशी, हिव्वी, अर्की, सीनी, अर्वदी, समारी, और हमाती लोग थे।

प्रश्न ९: शेम के पुत्र कौन थे?

उत्तर : शेम के पुत्र एलाम, अश्शूर, अर्पक्षद, लूद और अराम थे।

प्रश्न १०: एबेर के दो पुत्रों के नाम क्या थे?

उत्तर : एबेर के दो पुत्रों का नाम पेलेग और योक्‍तान रखा गया।

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