Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

Responsive Advertisement

परमेश्वर के बारे में प्रश्न और उत्तर : क्या परमेश्वर आज भी चमत्कार दिखाता है?

परमेश्वर के बारे में प्रश्न और उत्तर -प्रश्न १

मुख्य प्रश्न : क्या परमेश्वर आज भी चमत्कार दिखाता है?

उत्तर:

बहुत से लोग सोचते हैं कि अगर परमेश्वर खुद को साबित करना चाहते हैं, तो उन्हें चमत्कार दिखाना चाहिए। वे कहते हैं, "अगर परमेश्वर कोई चमत्कार करेगा, तभी मैं विश्वास करूंगा।" लेकिन बाइबल में ऐसा उदाहरण है जहां चमत्कार देखने के बावजूद लोग परमेश्वर पर पूरी तरह से विश्वास नहीं कर पाए।

बाइबल में जब परमेश्वर ने इस्राएलियों के सामने कई चमत्कार किए, तब भी उन्होंने उसकी आज्ञाओं का पूरी तरह पालन नहीं किया। उदाहरण के लिए, परमेश्वर ने इस्राएलियों को लाल समुद्र पार करने में मदद की। उसने समुद्र को दो हिस्सों में बांट दिया ताकि वे सुरक्षित रूप से पार कर सकें। यह अपने आप में एक बड़ा चमत्कार था। लेकिन इसके बावजूद, जब इस्राएली रेगिस्तान में पहुंचे, तो वे संदेह करने लगे कि क्या परमेश्वर वास्तव में उन्हें सुरक्षित रूप से वादा की हुई भूमि में पहुंचा पाएंगे। वे बार-बार उसकी योजनाओं पर संदेह करने लगे और कई बार विद्रोह भी किया।

लूका १६ :१९-३१ में, एक व्यक्ति जो नरक में था, उसने अब्राहम से निवेदन किया कि वह लाजर को मृतकों में से उठाकर उसके भाइयों को चेतावनी देने के लिए भेजे, ताकि वे नरक में न आएं। लेकिन अब्राहम ने कहा, "अगर वे मूसा और भविष्यवक्ताओं की बातें नहीं सुनते, तो अगर कोई मरे हुओं में से भी जी उठे, तब भी वे उसकी बात नहीं मानेंगे" (लूका १६:३१)। इसका मतलब यह है कि अगर किसी का दिल परमेश्वर की सच्चाई के लिए खुला नहीं है, तो चमत्कार भी उसे परमेश्वर की ओर नहीं ले जा सकता।

यीशु मसीह के जीवन में भी ऐसा ही हुआ। उन्होंने बहुत सारे चमत्कार किए – बीमारों को ठीक किया, अंधों को दृष्टि दी, और यहां तक कि मरे हुए लोगों को भी जीवित किया। फिर भी, बहुत से लोगों ने उनके ऊपर विश्वास नहीं किया। वे चमत्कार देखकर चकित तो हुए, लेकिन उनका विश्वास स्थायी नहीं था। चमत्कारों पर आधारित विश्वास बहुत कमजोर होता है। जब किसी व्यक्ति को जीवन में कोई कठिनाई या अप्रत्याशित संकट का सामना करना पड़ता है, तो उनका यह कमजोर विश्वास टूट सकता है।

परमेश्वर का सबसे बड़ा चमत्कार तब हुआ जब उसने अपने बेटे, यीशु मसीह को हमारी मुक्ति के लिए इस धरती पर भेजा। यीशु ने हमारे पापों के लिए क्रूस पर अपना जीवन दिया, और यह सबसे महान चमत्कार है (रोमियों ५ :८ )। यह चमत्कार हमें अनंत जीवन की ओर ले जाता है और हमें पापों से मुक्ति प्रदान करता है (यूहन्ना ३:१६)। इस चमत्कार पर विश्वास करना ही सच्चा और स्थायी विश्वास है।

आज भी परमेश्वर चमत्कार दिखाते हैं, लेकिन हमें उन पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है। हमें यीशु मसीह के द्वारा दिए गए सबसे महान चमत्कार पर विश्वास करने की आवश्यकता है, जो हमारे उद्धार के लिए था। बहुत से लोग चमत्कारों को देखते हैं लेकिन उनका सही अर्थ नहीं समझते, और वे परमेश्वर की शक्ति और योजना को पहचान नहीं पाते।

बाइबल में चमत्कारों का उद्देश्य यह दिखाना था कि जो व्यक्ति चमत्कार कर रहा है, वह परमेश्वर से आया है। उदाहरण के लिए, प्रेरितों के काम २:२२ में कहा गया है, "यीशु नासरी एक मनुष्य था जिसका परमेश्वर की ओर से होने का प्रमाण उन सामर्थ्य के कामों और चमत्कारों के द्वारा प्रकट है, जो परमेश्वर ने उसके द्वारा तुम्हारे बीच किए।" इसका मतलब यह है कि परमेश्वर ने यीशु के माध्यम से चमत्कार करके दिखाया कि वह सचमुच उसका भेजा हुआ मसीहा था।

बाइबल हमें यह भी बताती है कि चमत्कारों का एक और उद्देश्य यह था कि लोग परमेश्वर के सच्चे संदेश को सुनें और उस पर विश्वास करें। २ कुरिन्थियों १२:१२ में कहा गया है, "प्रेरित के लक्षण भी तुम्हारे बीच सब प्रकार के धीरज सहित चिह्नों, और अद्भुत कामों, और सामर्थ्य के कामों से दिखाए गए। " इन चमत्कारों ने यह साबित किया कि प्रेरित परमेश्वर के सच्चे संदेशवाहक थे।

आज हमारे पास बाइबल है, जिसमें यीशु मसीह और प्रेरितों के सभी चमत्कारों और संदेशों का वर्णन किया गया है। यह पवित्रशास्त्र हमारे विश्वास की नींव है। हमें चमत्कारों के लिए इंतजार करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि बाइबल में पहले से ही वह सच्चाई है, जो हमें परमेश्वर के बारे में जानने की जरूरत है।

हाँ, परमेश्वर आज भी चमत्कार दिखाता है, लेकिन हमें चमत्कारों पर आधारित विश्वास नहीं करना चाहिए। हमें परमेश्वर की सच्चाई पर विश्वास करना चाहिए जो उसने यीशु मसीह के रूप में दिखाया। चमत्कार केवल हमें परमेश्वर की ओर इंगित करते हैं, लेकिन सच्चा विश्वास तब आता है जब हम परमेश्वर के द्वारा दिए गए संदेश को समझते और स्वीकार करते हैं। बाइबल हमें यह सिखाती है कि हमारे पास पहले से ही सबूत हैं, और हमें अब और चमत्कारों की आवश्यकता नहीं है।

उप-प्रश्न और उत्तर (Q & A):

प्रश्न १: क्या चमत्कारों का होना जरूरी है?

उत्तर : चमत्कार आवश्यक नहीं हैं, लेकिन वे हमारे विश्वास को मजबूत करने के लिए एक संकेत हो सकते हैं। परमेश्वर की सच्चाई और उसके संदेश को समझना अधिक महत्वपूर्ण है।

प्रश्न २: क्या चमत्कार केवल उन लोगों के लिए होते हैं जो विश्वास करते हैं?

उत्तर : चमत्कार अक्सर उन लोगों के लिए होते हैं जो परमेश्वर की सच्चाई की खोज में होते हैं। हालांकि, कभी-कभी चमत्कार उन लोगों के लिए भी होते हैं जो अभी तक विश्वास में नहीं आए हैं।

प्रश्न ३: क्या आज भी लोग चमत्कार देख सकते हैं?

उत्तर : हाँ, आज भी लोग चमत्कार देख सकते हैं। हालाँकि, हमें इन चमत्कारों पर भरोसा नहीं करना चाहिए, बल्कि परमेश्वर की सच्चाई पर विश्वास करना चाहिए।

प्रश्न ४: क्या यीशु मसीह का जन्म एक चमत्कार था?

उत्तर : हाँ, यीशु मसीह का जन्म एक अद्भुत चमत्कार था, क्योंकि माता मरियम ने बिना किसी मानव संबंध के उसे जन्म दिया। यह ईश्वर के अद्भुत कार्य का प्रमाण है।

प्रश्न ५: चमत्कारों पर विश्वास करने का क्या मतलब है?

उत्तर : चमत्कारों पर विश्वास करने का मतलब है कि हम परमेश्वर की शक्ति और उसकी योजनाओं को मानते हैं। लेकिन सच्चा विश्वास तब होता है जब हम परमेश्वर के द्वारा दी गई सच्चाई को स्वीकार करते हैं।

इस पोस्ट में, हमने देखा कि परमेश्वर आज भी चमत्कार दिखाता है, लेकिन यह चमत्कार केवल हमारी आस्था को मजबूत करने के लिए नहीं हैं। परमेश्वर का सबसे बड़ा चमत्कार यीशु मसीह के माध्यम से हुआ, जिसने हमारे पापों के लिए क्रूस पर अपना जीवन बलिदान किया। यह चमत्कार हमें अनंत जीवन की ओर ले जाता है।

हमें यह समझने की आवश्यकता है कि चमत्कार केवल एक संकेत हैं, जो हमें परमेश्वर के सच्चे संदेश की ओर ले जाते हैं। हमें अपनी आस्था को चमत्कारों पर नहीं, बल्कि परमेश्वर की सच्चाई पर आधारित रखना चाहिए। यदि आप इस विषय पर अधिक विचार करते हैं या अपने अनुभव साझा करना चाहते हैं, तो कृपया अपने विचार हमारे साथ साझा करें। इस पोस्ट को अपने मित्रों और परिवार के साथ साझा करें और हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब करना न भूलें।

आपका विश्वास और विचार हमें प्रेरित करते हैं। परमेश्वर आपके जीवन में चमत्कार करे! जय मसीह की!

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ