मरकुस १ से १० अध्याय पर आधारित प्रश्न और उत्तर | Questions and Answers on Mark 1 to 10
यह पृष्ठ "मरकुस १ से १० अध्याय पर आधारित प्रश्न और उत्तर" का संग्रह है, जो मरकुस रचित सुसमाचार के पहले दस अध्यायों की प्रमुख घटनाओं और शिक्षाओं को प्रस्तुत करता है। इस सुसमाचार में यीशु मसीह के बपतिस्मा, उनके प्रारंभिक चमत्कारों, शिक्षाओं और उनके अनुयायियों के चुनाव का वर्णन है। यह सुसमाचार यह बताता है कि यीशु मसीह ही परमेश्वर के पुत्र हैं और संसार के उद्धारकर्ता हैं।
प्रमुख विषय:
१. बपतिस्मा और यीशु का कार्य (मरकुस १:१-११):
इस अध्याय में यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले की भूमिका और उनके द्वारा यीशु का बपतिस्मा लेने का वर्णन है। यीशु का बपतिस्मा उनके मंत्रालय की शुरुआत को दर्शाता है। यह घटना यह भी दर्शाती है कि कैसे परमेश्वर ने यीशु को अपने पुत्र के रूप में प्रमाणित किया।
२. शैतान द्वारा परीक्षा (मरकुस १:१२-१३):
इस भाग में बताया गया है कि कैसे यीशु को चालीस दिनों तक बंजर में रखा गया, जहाँ उन्होंने शैतान के द्वारा तीन प्रमुख परीक्षणों का सामना किया। ये परीक्षा उनके दृढ़ विश्वास और धार्मिकता को प्रकट करती हैं।
३. पहले चमत्कार (मरकुस १:२१-२८):
यहाँ, यीशु ने कफरनहूम में एक दुष्टात्मा को बाहर निकाला, जिससे उनका पहला सार्वजनिक चमत्कार प्रकट होता है। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि यीशु केवल शिक्षाओं में नहीं बल्कि चमत्कारों में भी समर्थ हैं।
४. चंगाई और शिक्षा (मरकुस १:२९-३९):
इस खंड में, यीशु ने पेत्रुस की सास को चंगा किया और फिर अनेक लोगों को चंगा किया। यीशु की शिक्षा और चंगाई की सेवा उनकी करुणा और शक्ति को दर्शाती है। यहाँ उनका यह भी वर्णन है कि उन्होंने प्रार्थना में समय बिताया और अपने मिशन को समझा।
५. शिष्यों का चुनाव (मरकुस २:१३-१७):
इस अध्याय में यीशु ने अपने पहले शिष्यों, जैसे मत्ती को बुलाया और उन्हें अपने साथ सेवा करने का निमंत्रण दिया। यह दर्शाता है कि यीशु ने सामान्य लोगों को अपनी सेवाओं में शामिल किया।
६. चमत्कारी चंगाई (मरकुस ५:२५-३४):
यहाँ एक बीमार महिला की कहानी है जिसने यीशु को छूकर चंगा होने की इच्छा जताई। इस घटना में यीशु ने न केवल उसके शारीरिक रोग को ठीक किया, बल्कि उसके विश्वास की भी सराहना की।
७. धार्मिक परंपराओं का मूल्यांकन (मरकुस ७:१-२३):
इस भाग में यीशु ने धार्मिक नेताओं को चुनौती दी और बताया कि सच्ची धार्मिकता केवल बाहरी नियमों का पालन नहीं है, बल्कि दिल की शुद्धता से संबंधित है। उन्होंने कहा कि क्या बाहर से आने वाली चीजें मनुष्य को अशुद्ध करती हैं।
८. पंद्रह हजार का भोजन (मरकुस ६:३०-४४):
इस अध्याय में यीशु ने पाँच रोटियाँ और दो मछलियों से पाँच हजार लोगों का पेट भरा। यह घटना न केवल उनके चमत्कारी कार्य को दर्शाती है, बल्कि उनकी करुणा और उनकी सामर्थ्य का भी प्रमाण है।
९. पानी पर चलना (मरकुस ६:४५-५२):
इस अध्याय में, यीशु ने अपने शिष्यों को समुद्र पर चलकर आश्चर्यचकित किया। यह घटना उनकी दिव्य प्रकृति और चमत्कारी सामर्थ्य को दर्शाती है।
१०. चंगाई की सेवा (मरकुस १०:४६-५२):
यहाँ अंधे बरतीमाय का चंगा होना दर्शाया गया है। यह कहानी हमें सिखाती है कि विश्वास और प्रार्थना के माध्यम से हम परमेश्वर से क्या प्राप्त कर सकते हैं।
मरकुस १ पर आधारित प्रश्न-उत्तर
प्रश्न-उत्तर (Q & A):
प्रश्न १: मरकुस १:१ में सुसमाचार का आरंभ किससे होता है?
उत्तर : सुसमाचार का आरंभ यीशु मसीह के बारे में बताने से होता है, जिसे परमेश्वर का पुत्र कहा गया है।
प्रश्न २: मरकुस १:२ में यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले का क्या वर्णन है?
उत्तर : यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला जंगल में प्रचार करता था और लोगों को बपतिस्मा देने के लिए बुलाता था।
प्रश्न ३: मरकुस १:४ में यूहन्ना ने किस प्रकार का बपतिस्मा दिया?
उत्तर : यूहन्ना ने पापों की क्षमा के लिए मनफिराव का बपतिस्मा दिया।
प्रश्न ४: लोग यूहन्ना से बपतिस्मा लेने कहाँ से आते थे?
उत्तर : लोग यहूदिया प्रदेश और यरूशलेम से यूहन्ना से बपतिस्मा लेने आते थे।
प्रश्न ५: मरकुस १:७ में यूहन्ना ने किसका उल्लेख किया?
उत्तर : यूहन्ना ने कहा कि उसके बाद आने वाला उससे शक्तिशाली होगा, जो पवित्र आत्मा से बपतिस्मा देगा।
प्रश्न ६: यीशु ने किस स्थान से आकर यूहन्ना से बपतिस्मा लिया?
उत्तर : यीशु ने गलील के नासरत से आकर यूहन्ना से बपतिस्मा लिया।
प्रश्न ७: बपतिस्मा के समय आकाश में क्या हुआ?
उत्तर : बपतिस्मा के समय आकाश खुला और पवित्र आत्मा कबूतर के समान यीशु पर उतरा।
प्रश्न ८: मरकुस १:१२ में यीशु को किसने परीक्षा दी?
उत्तर : यीशु को शैतान ने परीक्षा दी।
प्रश्न ९: मरकुस १:१४ में यीशु ने क्या संदेश दिया?
उत्तर : यीशु ने कहा, "मन फिराओ और सुसमाचार पर विश्वास करो।"
प्रश्न १०: मरकुस १:१६ में यीशु ने किसे अपने शिष्य के रूप में बुलाया?
उत्तर : यीशु ने शमौन (पतरस) और उसके भाई अन्द्रियास को अपने शिष्य के रूप में बुलाया।
मरकुस २ पर आधारित प्रश्न-उत्तर
प्रश्न-उत्तर (Q & A):
प्रश्न १: यीशु कफरनहूम में कब लौटे?
उत्तर : यीशु कई दिन के बाद फिर कफरनहूम में आए।
प्रश्न २: लकवे का रोगी किसके द्वारा यीशु के पास लाया गया?
उत्तर : लकवे का रोगी चार मनुष्यों द्वारा उठवाकर लाया गया।
प्रश्न ३: यीशु ने लकवे के रोगी से क्या कहा?
उत्तर : यीशु ने कहा, "हे पुत्र, तेरे पाप क्षमा हुए।"
प्रश्न ४: शास्त्रीयों ने यीशु के वचन पर क्या विचार किया?
उत्तर : उन्होंने कहा, "यह मनुष्य क्यों ऐसा कहता है? यह तो परमेश्वर की निन्दा करता है!"
प्रश्न ५: यीशु ने किससे कहा कि वह उठकर चल दे?
उत्तर : यीशु ने लकवे के रोगी से कहा, "मैं तुझ से कहता हूँ, उठ, अपनी खाट उठाकर अपने घर चला जा।"
प्रश्न ६: लेवी का बुलावा कब हुआ?
उत्तर : यीशु ने लेवी को चुंगी की चौकी पर बैठे देखा और कहा, "मेरे पीछे हो ले।"
प्रश्न ७: यीशु ने पापियों के साथ भोजन करते समय क्या कहा?
उत्तर : यीशु ने कहा, "भले चंगों को वैद्य की आवश्यकता नहीं, परन्तु बीमारों को है।"
प्रश्न ८: उपवास के विषय में फरीसियों ने यीशु से क्या पूछा?
उत्तर : उन्होंने पूछा, "तेरे चेले उपवास क्यों नहीं रखते?"
प्रश्न ९: यीशु ने क्यों कहा कि दूल्हा जब तक है तब तक वे उपवास नहीं कर सकते?
उत्तर : क्योंकि जब तक दूल्हा उनके साथ है, तब तक वे उपवास नहीं कर सकते।
प्रश्न १०: सब्त के दिन के बारे में यीशु ने क्या कहा?
उत्तर : उन्होंने कहा, "सब्त का दिन मनुष्य के लिये बनाया गया है, न कि मनुष्य सब्त के दिन के लिये।"
मरकुस ३ पर आधारित प्रश्न-उत्तर
प्रश्न-उत्तर (Q & A):
प्रश्न १: यीशु ने आराधनालय में किस आदमी को चंगा किया?
उत्तर : यीशु ने सूखे हाथ वाले मनुष्य को चंगा किया।
प्रश्न २: फरीसियों ने यीशु से क्या देखने की कोशिश की?
उत्तर : फरीसी यह देखने की कोशिश कर रहे थे कि क्या वह सब्त के दिन मनुष्य को चंगा करेगा।
प्रश्न ३: यीशु ने सूखे हाथ वाले मनुष्य से क्या कहा?
उत्तर : यीशु ने कहा, "बीच में खड़ा हो।"
प्रश्न ४: यीशु ने सब्त के दिन भला करने के बारे में क्या सवाल पूछा?
उत्तर : यीशु ने पूछा, "क्या सब्त के दिन भला करना उचित है या बुरा करना?"
प्रश्न ५: यीशु ने सूखे हाथ वाले मनुष्य से क्या करने के लिए कहा?
उत्तर : यीशु ने कहा, "अपना हाथ बढ़ा।"
प्रश्न ६: फरीसी और हेरोदीयों ने यीशु के खिलाफ क्या किया?
उत्तर : उन्होंने यीशु को नष्ट करने के लिए सम्मति की।
प्रश्न ७: यीशु किस स्थान पर अपने चेलों के साथ गए?
उत्तर : यीशु अपने चेलों के साथ झील की ओर गए।
प्रश्न ८: यीशु ने किस कारण से नाव तैयार करने के लिए कहा?
उत्तर : उसने कहा ताकि भीड़ उसे दबा न सके।
प्रश्न ९: यीशु ने अपने चेलों को किसके लिए चुना?
उत्तर : उसने उन्हें चुना ताकि वे उसके साथ रहें और प्रचार करें।
प्रश्न १०: यीशु ने अपनी माता और भाई के बारे में क्या कहा?
उत्तर : यीशु ने कहा, "जो कोई परमेश्वर की इच्छा पर चले, वही मेरा भाई, और बहिन, और माता है।"
मरकुस ४ पर आधारित प्रश्न-उत्तर
प्रश्न-उत्तर (Q & A):
प्रश्न १: यीशु ने किस उपमा से बीज बोने वाले का दृष्टान्त बताया?
उत्तर : यीशु ने कहा, "एक बोनेवाला बीज बोने निकला।"
प्रश्न २: बीज किस प्रकार की भूमि पर गिरा और किस तरह का फल लाया?
उत्तर : कुछ बीज मार्ग के किनारे गिरे, कुछ पथरीली भूमि में, कुछ झाड़ियों में, और कुछ अच्छी भूमि पर गिरे, जहाँ उन्होंने फल लाया।
प्रश्न ३: जिन बीजों ने अच्छी भूमि में गिरने के बाद फल लाए, वे कितने गुणा फल लाए?
उत्तर : अच्छी भूमि में गिरे बीजों ने तीस, साठ, और सौ गुणा फल लाया।
प्रश्न ४: यीशु ने दृष्टान्तों का उपयोग क्यों किया?
उत्तर : यीशु ने कहा, "ताकि बाहरवालों के लिए सब बातें दृष्टान्तों में हों।"
प्रश्न ५: यीशु ने अपने अनुयायियों को दृष्टान्त का क्या अर्थ समझाया?
उत्तर : यीशु ने समझाया कि बोनेवाला वचन बोता है और विभिन्न प्रकार की भूमि के लोग उस वचन को कैसे ग्रहण करते हैं।
प्रश्न ६: दीपक के दृष्टान्त में क्या सिखाया गया?
उत्तर : यीशु ने कहा, "दीपक को छिपाने के लिए नहीं, बल्कि प्रगट करने के लिए लाया जाता है।"
प्रश्न ७: किस प्रकार की भूमि में गिरने वाले बीज का क्या परिणाम होता है?
उत्तर : अच्छी भूमि में गिरने वाले बीज फल लाते हैं, जबकि अन्य प्रकार की भूमि में गिरने वाले बीज निष्फल रह जाते हैं।
प्रश्न ८: यीशु ने अपने अनुयायियों को क्या करने के लिए कहा?
उत्तर : यीशु ने अपने अनुयायियों को "सुनने और समझने" के लिए प्रोत्साहित किया।
प्रश्न ९: यह दृष्टान्त किस विषय पर है?
उत्तर : यह दृष्टान्त "परमेश्वर के राज्य" और उस पर आधारित वचन के प्रचार पर है।
प्रश्न १०: समुद्र में चलने की घटना का क्या महत्व है?
उत्तर : यह घटना दिखाती है कि यीशु की शक्तियों से समुद्र और आँधी भी आज्ञा मानती हैं।
मरकुस ५ पर आधारित प्रश्न-उत्तर
प्रश्न-उत्तर (Q & A):
प्रश्न १: यीशु किस देश में पहुँचे जब उन्होंने नाव से उतरने के बाद एक दुष्टात्माग्रस्त व्यक्ति को चंगा किया?
उत्तर : यीशु गिरासेनियों के देश में पहुँचे।
प्रश्न २: दुष्टात्माग्रस्त व्यक्ति ने यीशु को देखकर क्या किया?
उत्तर : दुष्टात्माग्रस्त व्यक्ति ने दूर से दौड़कर यीशु को प्रणाम किया।
प्रश्न ३: दुष्टात्मा ने यीशु से क्या पूछा?
उत्तर : दुष्टात्मा ने कहा, "हे यीशु, परमप्रधान परमेश्वर के पुत्र, मुझे तुझ से क्या काम?"
प्रश्न ४: दुष्टात्मा ने यीशु से क्या विनती की?
उत्तर : दुष्टात्मा ने कहा, "हमें इस देश से बाहर न भेज।"
प्रश्न ५: यीशु ने दुष्टात्मा को किस चीज में भेजा?
उत्तर : यीशु ने दुष्टात्मा को सूअरों के झुंड में भेजा।
प्रश्न ६: सूअरों के झुंड का क्या हुआ जब दुष्टात्मा उनमें गई?
उत्तर : सूअरों का झुंड झील में गिरकर डूब गया।
प्रश्न ७: लोग यीशु के पास क्यों आए?
उत्तर : लोगों ने यह जानने के लिए यीशु के पास आए कि क्या हुआ था।
प्रश्न ८: दुष्टात्माग्रस्त व्यक्ति का क्या हाल था जब लोग यीशु के पास आए?
उत्तर : वह व्यक्ति कपड़े पहिने और सचेत बैठा था।
प्रश्न ९: फरीसी लोगों ने यीशु से क्या कहा?
उत्तर : फरीसी लोगों ने यीशु से कहा कि "हमारी सीमा से चला जा।"
प्रश्न १०: यीशु ने दुष्टात्माग्रस्त व्यक्ति को क्या करने के लिए कहा?
उत्तर : यीशु ने कहा, "अपने घर जाकर अपने लोगों को बता कि तुझ पर दया करके प्रभु ने तेरे लिये कैसे बड़े काम किए हैं।"
मरकुस ६ पर आधारित प्रश्न-उत्तर
प्रश्न-उत्तर (Q & A):
प्रश्न १: मरकुस ६:१: में यीशु किस स्थान पर गए?
उत्तर : यीशु नासरत में गए।
प्रश्न २: वहाँ लोग यीशु को कैसे पहचानते थे?
उत्तर : लोग उसे मारिया का पुत्र और किरियात के बढ़ई के रूप में जानते थे।
प्रश्न ३: मरकुस ६:४ में यीशु ने किस बात का उल्लेख किया?
उत्तर : यीशु ने कहा कि "प्रभु अपने देश में और अपने घर में मान्यता नहीं पाता।"
प्रश्न ४: मरकुस ६:५ में यीशु ने वहाँ कितने चमत्कार किए?
उत्तर : वहाँ यीशु ने कुछ भी चमत्कार नहीं किया, केवल कुछ बीमारों पर हाथ रखकर उन्हें ठीक किया।
प्रश्न ५: मरकुस ६:७ में यीशु ने अपने शिष्यों को क्या किया?
उत्तर : यीशु ने अपने बारह शिष्यों को बुलाया और उन्हें भेजने का अधिकार दिया।
प्रश्न ६: शिष्यों को क्या निर्देश दिया गया?
उत्तर : शिष्यों को कहा गया कि "जंगल में यात्रा करते समय कोई वस्त्र या भोजन न लें।"
प्रश्न ७: मरकुस ६:१४ में राजा हेरोद का क्या उल्लेख है?
उत्तर : राजा हेरोद ने यीशु के बारे में सुना और कहा कि "यह तो यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला है, जो मरे हुए लोगों में से जी उठा है।"
प्रश्न ८: मरकुस ६:१९ में हेरोदियास ने किसकी हत्या करवाई?
उत्तर : हेरोदियास ने यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले की हत्या करवाई।
प्रश्न ९: मरकुस ६:३० में शिष्य क्या लेकर आए?
उत्तर : शिष्य यीशु के पास लौटकर अपने कार्यों** और संदेश की सूचना दी।
प्रश्न १०: यीशु ने कितने रोटी और मछलियाँ लेकर 5000 लोगों का पेट भरा?
उत्तर : यीशु ने पाँच रोटी और दो मछलियाँ लेकर ५००० लोगों का पेट भरा।
मरकुस ७ पर आधारित प्रश्न-उत्तर
प्रश्न-उत्तर (Q & A):
प्रश्न १: फरीसी और शास्त्री किस विषय में यीशु से पूछते हैं?
उत्तर : वे पूछते हैं कि यीशु के चेले क्यों बिना धोए हाथों से रोटी खाते हैं, जो पूर्वजों की परंपरा के खिलाफ है।
प्रश्न २: यीशु ने फरीसियों को किस भविष्यवाणी के द्वारा उत्तर दिया?
उत्तर : यीशु ने यशायाह की भविष्यवाणी का उल्लेख करते हुए कहा कि ये लोग होठों से आदर करते हैं, पर उनका मन परमेश्वर से दूर रहता है।
प्रश्न ३: यीशु ने कहा कि मनुष्य को अशुद्ध करने वाली वस्तुएँ कौन सी हैं?
उत्तर : यीशु ने कहा कि मनुष्य को अशुद्ध करने वाली बातें उसके भीतर से निकलती हैं, जैसे बुरे विचार, व्यभिचार, चोरी, हत्या आदि।
प्रश्न ४: सुरूफिनीकी जाति की स्त्री ने यीशु से क्या विनती की?
उत्तर : उसने विनती की कि उसकी बेटी में से दुष्ट आत्मा निकाल दे।
प्रश्न ५: यीशु ने सुरूफिनीकी स्त्री को क्या उत्तर दिया?
उत्तर : यीशु ने कहा कि पहले लड़कों को तृप्त होने देना चाहिए, क्योंकि बच्चों की रोटी कुत्तों के लिए डालना उचित नहीं है।
प्रश्न ६: सुरूफिनीकी स्त्री ने यीशु के उत्तर पर क्या कहा?
उत्तर : उसने उत्तर दिया कि सच है, परन्तु कुत्ते भी मेज के नीचे बच्चों की रोटी का चूर–चार खा लेते हैं।
प्रश्न ७: यीशु ने सुरूफिनीकी स्त्री को क्या कहा?
उत्तर : यीशु ने कहा, “इस बात के कारण चली जा; दुष्ट आत्मा तेरी बेटी में से निकल गई है।”
प्रश्न ८: यीशु ने बहिरे और हक्ले व्यक्ति को कैसे चंगा किया?
उत्तर : यीशु ने उसकी उंगलियाँ उसके कानों में डालकर, थूककर उसकी जीभ को छुआ और कहा, “इप्फत्तह!” जिससे उसके कान खुल गए और वह साफ साफ बोलने लगा।
प्रश्न ९: यीशु ने चंगा किए गए व्यक्ति से क्या कहा?
उत्तर : यीशु ने उन्हें चिताया कि किसी से न कहना।
प्रश्न १०: लोगों ने यीशु के चंगाई के काम को कैसे वर्णित किया?
उत्तर : उन्होंने कहा, “उसने जो कुछ किया सब अच्छा किया है; वह बहिरों को सुनने और गूँगों को बोलने की शक्ति देता है।”
मरकुस ८ पर आधारित प्रश्न-उत्तर
प्रश्न-उत्तर (Q & A):
प्रश्न १: मरकुस ८:१ में यीशु के पास कितने लोग इकट्ठे हुए थे?
उत्तर : यीशु के पास चार हज़ार लोग इकट्ठा हुए थे।
प्रश्न २: यीशु ने इस भीड़ को क्यों बुलाया?
उत्तर : यीशु ने कहा कि उसे इस भीड़ पर तरस आता है क्योंकि यह तीन दिन से उसके साथ है और उनके पास खाने को कुछ नहीं है।
प्रश्न ३: यीशु ने अपने शिष्यों से कितनी रोटियाँ मांगी?
उत्तर : शिष्यों ने बताया कि उनके पास सात रोटियाँ थीं।
प्रश्न ४: यीशु ने कितनी मछलियाँ लीं?
उत्तर : यीशु ने थोड़ी सी छोटी मछलियाँ भी लीं।
प्रश्न ५: यीशु ने भीड़ को खिलाने के बाद कितने टोकरे भरे?
उत्तर : शिष्यों ने **सात टोकरे भरकर उठाए।
प्रश्न ६: फरीसियों ने यीशु से क्या माँगा?
उत्तर : फरीसियों ने यीशु से कोई स्वर्गीय चिह्न** माँगा।
प्रश्न ७: यीशु ने अपने शिष्यों को क्या चेतावनी दी?
उत्तर : यीशु ने उन्हें फरीसियों और हेरोदेस के खमीर से चौकस रहने की चेतावनी दी।
प्रश्न ८: बैतसैदा में यीशु ने किसकी आँखें खोलीं?
उत्तर : यीशु ने एक अंधे की आँखें खोलीं।
प्रश्न ९: पतरस ने यीशु को क्या कहा?
उत्तर : पतरस ने कहा, "तू मसीह है।"
प्रश्न १०: यीशु ने अपनी मृत्यु के विषय में क्या कहा?
उत्तर : यीशु ने कहा कि मनुष्य के पुत्र को बहुत दु:ख उठाना पड़ेगा और वह तीन दिन के बाद जी उठेगा।
मरकुस ९ पर आधारित प्रश्न-उत्त
प्रश्न-उत्तर (Q & A):
प्रश्न १: यीशु ने किस पर्वत पर अपने शिष्यों के साथ परिवर्तन अनुभव किया?
उत्तर : यीशु ने तबोर पर्वत पर अपने शिष्यों के साथ परिवर्तन अनुभव किया।
प्रश्न २: परिवर्तन के समय यीशु के साथ कौन-कौन थे?
उत्तर : परिवर्तन के समय यीशु के साथ पतरस, याकूब, और योहन थे।
प्रश्न ३: परिवर्तन के समय किस-किस की उपस्थिति हुई?
उत्तर : उस समय मोशे और एलिय्याह दिखाई दिए।
प्रश्न ४: पतरस ने उस समय क्या कहा?
उत्तर : पतरस ने कहा, "हे प्रभु, क्या हम यहाँ तीन कुटिया बनाएं?"
प्रश्न ५: उस समय एक बादल आया, उसमें से क्या कहा गया?
उत्तर : बादल से कहा गया, "यह मेरा प्रिय पुत्र है, इसकी सुनो।"
प्रश्न ६: यीशु ने अपने शिष्यों को किस बात की आज्ञा दी?
उत्तर : यीशु ने उन्हें आज्ञा दी कि इस परिवर्तन का वर्णन किसी से न करें।
प्रश्न ७: शिष्यों ने यह क्यों पूछा कि पुनरुत्थान से पहले एलिय्याह का आना आवश्यक है?
उत्तर : शिष्यों ने यह पूछा क्योंकि यह प्रवचन में लिखा था।
प्रश्न ८: यीशु ने एलिय्याह के विषय में क्या कहा?
उत्तर : यीशु ने कहा, "एलिय्याह पहले आ चुका है।"
प्रश्न ९: एक पिता ने यीशु से अपनी किस संतान के लिए मदद मांगी?
उत्तर : उसने अपने बेटे के लिए मदद मांगी, जो दुष्ट आत्मा से ग्रसित था।
प्रश्न १०: यीशु ने उस पिता से क्या कहा जब उसने विश्वास की बात की?
उत्तर : यीशु ने कहा, "जो विश्वास करता है, उसके लिए सब कुछ संभव है।"
मरकुस १० पर आधारित प्रश्न-उत्तर
प्रश्न-उत्तर (Q & A):
प्रश्न १: यीशु ने किस विषय पर अपने शिष्यों से बात की जब वह यहूदी क्षेत्र में गए?
उत्तर : यीशु ने तलाक के विषय में अपने शिष्यों से बात की।
प्रश्न २: यीशु ने तलाक के बारे में क्या कहा?
उत्तर : यीशु ने कहा, "जो परमेश्वर ने एक किया है, उसे मनुष्य अलग न करे।"
प्रश्न ३: बच्चों को यीशु के पास लाने का क्या कारण था?
उत्तर : लोगों ने अपने बच्चों को यीशु के पास लाया ताकि वह उन पर हाथ रखकर प्रार्थना करें।
प्रश्न ४: शिष्यों ने बच्चों के लिए क्या किया?
उत्तर : शिष्यों ने बच्चों को यीशु के पास आने से रोका।
प्रश्न ५: यीशु ने बच्चों को देखकर क्या कहा?
उत्तर : यीशु ने कहा, "बच्चों को मेरे पास आने दो।"
प्रश्न ६: एक धनी युवक यीशु के पास किस प्रश्न के साथ आया?
उत्तर : उसने पूछा, "मैं अनन्त जीवन पाने के लिए क्या करूँ?"
प्रश्न ७: यीशु ने धनी युवक को क्या करने के लिए कहा?
उत्तर : यीशु ने कहा, "अपने सारे धन को बेचकर गरीबों को दे दो।"
प्रश्न ८: युवक ने यीशु की बात सुनकर क्या किया?
उत्तर : युवक **उदास होकर चला गया, क्योंकि उसके पास बहुत धन था।
प्रश्न ९: यीशु ने अपने शिष्यों से धनवानों के बारे में क्या कहा?
उत्तर : यीशु ने कहा, "धनवान का स्वर्ग में प्रवेश करना कितना कठिन है!"
प्रश्न १०: शिष्यों ने यीशु से क्या पूछा जब उन्होंने धनवानों के बारे में कहा?
उत्तर : शिष्यों ने पूछा, "तो फिर कौन बच सकता है?"
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